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बासवाडा राजस्थान से रिपोर्टर धर्मेंद्र सोनी राहुल सोनी की रिपोर्ट, बासवाडा, संभागीय आयुक्त के निर्देश पर खुली चिकित्सा विभाग आँखें ,जिले मे ताबड़तोड़ निमहाकिमो पर छापामार कार्रवाई, 5 फर्जी अस्पताल सील 1को जारी किया नोटीस, 6अवैध दवाखाने कराए बंद, 3पर कराई एफआईआर दर्ज, निमहाकिमो में मचा हडकंप, राजस्थान के बासवाडा जिले के संभागीय आयुक्त नीरज पवन ने सख्ती दिखाते हुए बासवाडा जिले के पांचों ब्लाकों में अवैध तरीके से दिमक की तरह ईलाज के नाम पर गरीब मरीजो को लुटने वाले तथा कथित निमहाकिम झोला छाप बंगाली व बीना डिग्री के गाँव गांव कसबो में अपने नीजी दवाखाने खोल कर ईलाज के नाम पर अपनी जैबे भरने वालो पर बासवाडा संभागीय आयुक्त नीरज पवन ने चिकित्सा विभाग को सख निर्देश देते हुए ताबड़तोड़ छापामार कार्रवाई शुरू की जिसके चलते अवैध रुप से दवाखाने चलाने वालो में हडकंप मच गया जो चिकित्सा विभाग की टीम अन्ना के हफ्ते चढ़ा उस कार्रवाई की गई जीसे टीम आने की भनक लगी वो अपने फर्जी दवाखाने बंद कर पतली गली से भाग छुटे बासवाडा जिले के 5 ब्लॉकों में यह छापा मार करवाई हुई जिसमें करीब एक दर्जन झोलाछाप चिकित्सालय ऊपर कार्रवाई अमल में लाई गई सीएमएचओ डॉक्टर एचएल ताबियार ने बताया की अभियान के तहत बागीदोरा, कुशलगढ ,आनदंपुरी ,घाटोल और सज़जनगढ में छापामार कार्रवाई की छापामार कार्रवाई में कई जगह दस्तावेज नही मीले बागीदोरा मे 2जगह आनंदपुरी में 1को नोटीस सज्जनगढ़ में एक क्लीनिक सिल्किया घाटोल में 6 क्लिनिक बंद कराए वही कुशलगढ के छोटी सरवा जब टीम पंहुचने की भनक लगी तो चिकित्सक पीछे के दरवाजे भागने में सफल रहा लैकिन टीम ने कार्रवाई करते हुए दवाखाने को सील कर पुलिस मे रिपोर्टर दर्ज कराई, व मीरीज को बोतल चडरही थी उसे उतारा गया, हम आपको बतादे की कुशलगढ कस़बे सहित रामगढ टिमेडा कोटडा, मोहकमपुरा, छोटी सरवा, पाटन बडी सरवा सहीत ग्रामीण क्षेत्रों में भी नीम हकीम बंगालियों ने अपने दवाखाने खोलकर इलाज के नाम पर गरीबों से मोटी कमाई कर अपनी तिजोरिया भरने से बाज नहीं आ रहे हैं वर्षों से जमे नीमहाकिम म बंगालीयो पर ग्राम पंचायते भी मेहरबान रही इन बंगालियों को राशन कार्ड तथा वोटर आईडी कार्ड भी बना दिए कुछ बंगाली ऐसे भी हैं जिन्होंने जमीन लेकर अपने मकान तक बना लिए सरकार प्रशासन में चिकित्सा विभाग कुंभकरण की नींद सता रहा नतीजा यह हुवा की दीमक की तरह फेले अवैध बंगाली आज क्षेत्र में अपनी दुकानदारी चलकर अपना उल्लू साथ रहे हैं यदि संभाग के आयुक्त नीरज पवन ने समय रहते शक्ति नहीं दिखाई होती तो यह छापामार कार्रवाई नहीं होती तो चिकित्सा विभाग तो कुंभकरण की नींद सोता ही रहा था!

बासवाडा राजस्थान से रिपोर्टर धर्मेंद्र सोनी राहुल सोनी की रिपोर्ट, बासवाडा, संभागीय आयुक्त के निर्देश पर खुली चिकित्सा विभाग आँखें ,जिले मे ताबड़तोड़ निमहाकिमो पर छापामार कार्रवाई, 5 फर्जी अस्पताल सील 1को जारी किया नोटीस, 6अवैध दवाखाने कराए बंद, 3पर कराई एफआईआर दर्ज, निमहाकिमो में मचा हडकंप, राजस्थान के बासवाडा जिले के संभागीय आयुक्त नीरज पवन ने सख्ती दिखाते हुए बासवाडा जिले के पांचों ब्लाकों में अवैध तरीके से दिमक की तरह ईलाज के नाम पर गरीब मरीजो को लुटने वाले तथा कथित निमहाकिम झोला छाप बंगाली व बीना डिग्री के गाँव गांव कसबो में अपने नीजी दवाखाने खोल कर ईलाज के नाम पर अपनी जैबे भरने वालो पर बासवाडा संभागीय आयुक्त नीरज पवन ने चिकित्सा विभाग को सख निर्देश देते हुए ताबड़तोड़ छापामार कार्रवाई शुरू की जिसके चलते अवैध रुप से दवाखाने चलाने वालो में हडकंप मच गया जो चिकित्सा विभाग की टीम अन्ना के हफ्ते चढ़ा उस कार्रवाई की गई जीसे टीम आने की भनक लगी वो अपने फर्जी दवाखाने बंद कर पतली गली से भाग छुटे बासवाडा जिले के 5 ब्लॉकों में यह छापा मार करवाई हुई जिसमें करीब एक दर्जन झोलाछाप चिकित्सालय ऊपर कार्रवाई अमल में लाई गई सीएमएचओ डॉक्टर एचएल ताबियार ने बताया की अभियान के तहत बागीदोरा, कुशलगढ ,आनदंपुरी ,घाटोल और सज़जनगढ में छापामार कार्रवाई की छापामार कार्रवाई में कई जगह दस्तावेज नही मीले बागीदोरा मे 2जगह आनंदपुरी में 1को नोटीस सज्जनगढ़ में एक क्लीनिक सिल्किया घाटोल में 6 क्लिनिक बंद कराए वही कुशलगढ के छोटी सरवा जब टीम पंहुचने की भनक लगी तो चिकित्सक पीछे के दरवाजे भागने में सफल रहा लैकिन टीम ने कार्रवाई करते हुए दवाखाने को सील कर पुलिस मे रिपोर्टर दर्ज कराई, व मीरीज को बोतल चडरही थी उसे उतारा गया, हम आपको बतादे की कुशलगढ कस़बे सहित रामगढ टिमेडा कोटडा, मोहकमपुरा, छोटी सरवा, पाटन बडी सरवा सहीत ग्रामीण क्षेत्रों में भी नीम हकीम बंगालियों ने अपने दवाखाने खोलकर इलाज के नाम पर गरीबों से मोटी कमाई कर अपनी तिजोरिया भरने से बाज नहीं आ रहे हैं वर्षों से जमे नीमहाकिम म बंगालीयो पर ग्राम पंचायते भी मेहरबान रही इन बंगालियों को राशन कार्ड तथा वोटर आईडी कार्ड भी बना दिए कुछ बंगाली ऐसे भी हैं जिन्होंने जमीन लेकर अपने मकान तक बना लिए सरकार प्रशासन में चिकित्सा विभाग कुंभकरण की नींद सता रहा नतीजा यह हुवा की दीमक की तरह फेले अवैध बंगाली आज क्षेत्र में अपनी दुकानदारी चलकर अपना उल्लू साथ रहे हैं यदि संभाग के आयुक्त नीरज पवन ने समय रहते शक्ति नहीं दिखाई होती तो यह छापामार कार्रवाई नहीं होती तो चिकित्सा विभाग तो कुंभकरण की नींद सोता ही रहा था!

बासवाडा राजस्थान से रिपोर्टर धर्मेंद्र सोनी राहुल सोनी की रिपोर्ट, बासवाडा, संभागीय आयुक्त के निर्देश पर खुली चिकित्सा विभाग आँखें ,जिले मे ताबड़तोड़ निमहाकिमो पर छापामार कार्रवाई, 5 फर्जी अस्पताल सील 1को जारी किया नोटीस, 6अवैध दवाखाने कराए बंद, 3पर कराई एफआईआर दर्ज, निमहाकिमो में मचा हडकंप, राजस्थान के बासवाडा जिले के संभागीय आयुक्त नीरज पवन ने सख्ती दिखाते हुए बासवाडा जिले के पांचों ब्लाकों में अवैध तरीके से दिमक की तरह ईलाज के नाम पर गरीब मरीजो को लुटने वाले तथा कथित निमहाकिम झोला छाप बंगाली व बीना डिग्री के गाँव गांव कसबो में अपने नीजी दवाखाने खोल कर ईलाज के नाम पर अपनी जैबे भरने वालो पर बासवाडा संभागीय आयुक्त नीरज पवन ने चिकित्सा विभाग को सख निर्देश देते हुए ताबड़तोड़ छापामार कार्रवाई शुरू की जिसके चलते अवैध रुप से दवाखाने चलाने वालो में हडकंप मच गया जो चिकित्सा विभाग की टीम अन्ना के हफ्ते चढ़ा उस कार्रवाई की गई जीसे टीम आने की भनक लगी वो अपने फर्जी दवाखाने बंद कर पतली गली से भाग छुटे बासवाडा जिले के 5 ब्लॉकों में यह छापा मार करवाई हुई जिसमें करीब एक दर्जन झोलाछाप चिकित्सालय ऊपर कार्रवाई अमल में लाई गई सीएमएचओ डॉक्टर एचएल ताबियार ने बताया की अभियान के तहत बागीदोरा, कुशलगढ ,आनदंपुरी ,घाटोल और सज़जनगढ में छापामार कार्रवाई की छापामार कार्रवाई में कई जगह दस्तावेज नही मीले बागीदोरा मे 2जगह आनंदपुरी में 1को नोटीस सज्जनगढ़ में एक क्लीनिक सिल्किया घाटोल में 6 क्लिनिक बंद कराए वही कुशलगढ के छोटी सरवा जब टीम पंहुचने की भनक लगी तो चिकित्सक पीछे के दरवाजे भागने में सफल रहा लैकिन टीम ने कार्रवाई करते हुए दवाखाने को सील कर पुलिस मे रिपोर्टर दर्ज कराई, व मीरीज को बोतल चडरही थी उसे उतारा गया, हम आपको बतादे की कुशलगढ कस़बे सहित रामगढ टिमेडा कोटडा, मोहकमपुरा, छोटी सरवा, पाटन बडी सरवा सहीत ग्रामीण क्षेत्रों में भी नीम हकीम बंगालियों ने अपने दवाखाने खोलकर इलाज के नाम पर गरीबों से मोटी कमाई कर अपनी तिजोरिया भरने से बाज नहीं आ रहे हैं वर्षों से जमे नीमहाकिम म बंगालीयो पर ग्राम पंचायते भी मेहरबान रही इन बंगालियों को राशन कार्ड तथा वोटर आईडी कार्ड भी बना दिए कुछ बंगाली ऐसे भी हैं जिन्होंने जमीन लेकर अपने मकान तक बना लिए सरकार प्रशासन में चिकित्सा विभाग कुंभकरण की नींद सता रहा नतीजा यह हुवा की दीमक की तरह फेले अवैध बंगाली आज क्षेत्र में अपनी दुकानदारी चलकर अपना उल्लू साथ रहे हैं यदि संभाग के आयुक्त नीरज पवन ने समय रहते शक्ति नहीं दिखाई होती तो यह छापामार कार्रवाई नहीं होती तो चिकित्सा विभाग तो कुंभकरण की नींद सोता ही रहा था!

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